ऐ चाँद ! तुम
मुझे साजन
सलोने देना
!
रोते बच्चे के
हाथ में
खिलौने देना !!
ऐ चाँद ! तुम मुझे साजन…….
!
गर दुखाऊँ मै
दिल कभी
सादादिल का
!
तो रोयेंगी आँखे
मेरी तुम
इन्हे रोने
देना !!
ऐ चाँद ! तुम मुझे साजन…….
!
छीन ले हाथों
से मेरे
कोई रोटी
का टुकड़ा
!
तो होता है
फिर जो
भी तुम
वो होने
देना
!!
ऐ चाँद ! तुम मुझे साजन…….
!
न मचाओ शोर
बादलों इस
उजड़े मज़ार
पे !
"तन्हा" सोते हैं
यहाँ तुम
इन्हे सोने
देना
!!
ऐ चाँद ! तुम मुझे साजन…….
!
-" तन्हा " चारू
!!
सर्वाधिकार सुरक्षित © अम्बुज
कुमार खरे " तन्हा
" चारू !!
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