शाहीन से तितली लड़ा ली जाए !!
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"तन्हा "चारू !!
मिजाज -ए -आशक़ी ,बढ़ा ली जाए !
पेशानी पे त्योरी , चढ़ा ली जाए !!
हर सूं होगी याँ नाज़ुकी की बात !
शाहीन से तितली लड़ा ली जाए !!
शाहीन से तितली लड़ा ली जाए !!
सुर्ख पर जुदा करने से पहले !
उसे फ़िर "तन्हा "करने से पहले !!
मशवरा -ए -क़ातिल पे क्यू न !
तेग़ हल्क़ पे आज़मा ली जाए !!
शाहीन से तितली लड़ा ली जाए !!
सुपुर्द -ए -ख़ाक तो कर दिया !
तितली को राख़ तो कर दिया !!
शाहीन के दीवानों ,सुनो इल्तिज़ा !
क़ुर्बानी पे अब खाक़ न डाली जाए !!
शाहीन से तितली लड़ा ली जाए !!
- " तन्हा " चारू !!
सर्वाधिकार सुरक्षित © अम्बुज कुमार खरे " तन्हा " चारू !!
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