Thursday 26 December 2013

इन्तज़ार में है दिल बेक़रार किसी का !




इन्तज़ार में है दिल बेक़रार किसी का !
क्यों करते हैं हम इन्तज़ार किसी का !!

या रब ! लिखा है मेरी क़िस्मत में शायद !
करते रहना ता-उम्र इन्तज़ार किसी का !!

मेरे दर से लौट न जाये कहीं वो !
ख़ोल दरवाज़े करते हैं इंतज़ार किसी का !!

ऐ ख़ुदा ! देना गर तो मौत दे देना !
न देना मुझे फ़िर इन्तज़ार किसी का !!

हर बला को दावत-ए -सुख़न देता हूँ !
कैसा है मेरा ये इन्तज़ार किसी का !!

था किसी को ' तन्हा ' का इन्तज़ार !
और "तन्हा"था इन्तज़ार किसी का !!

-          " तन्हा " चारू !!
        1994 

सर्वाधिकार सुरक्षित © अम्बुज कुमार खरे  " तन्हा " चारू !!

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