दिल का मतलब गर धड़कन है !
तो साँसों का बन्धन टूट गया !!
माँझी की मंज़िल गर साहिल है !
तो साहिल का मंज़र छूट गया !!
रक्खे सम्हाल के सारे नश्तर !
जो दिल के पार उतर गये !!
तीर-ए-नीमकश जो चला हम पे !
तो हाथों से खंजर छूट गया !!
कूचः दर कूचः जोड़ा "तन्हा" ने !
क़तरा - क़तरा जिन मातो को !!
शिकस्ते - यार जब पाई उसने !
तो अश्कों को समंदर लूट गया !!
--" तन्हा
" चारू !!
सर्वाधिकार
सुरक्षित ©
अम्बुज कुमार खरे " तन्हा " चारू !!
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