हाँथ की लकीर का जादू है..........!!!
हाँथ की लकीर का जादू है कि लकीरे
हाँथ से बनती हैं !
ना जाने क्यूँ इन लकीरों से लकीरे
हाँथ की बदलती हैं !!
बदलना अपनी फ़ितरत ना आदत में
हैं शुमार "तन्हा " !
बदल दे इन्सान गर तदबीरें तो
तक़दीरे भी बदलती हैं !!
फ़ितरत -ऐ-शायर से परेशां ओ आज़िज़ हो चुका हूँ मैं !
ख्याल-ऐ-फ़ितरत बदलने से तो तंजीमें
भी बदलती हैं !!
रूह से ज़िस्म का रिश्ता ज़िस्म
के बस की बात नहीं !
ख्याल -ए -जिस्म के आते ही रूहें
जिस्म बदलती हैं !!
-" तन्हा
" चारू !!
11-12-2013
सर्वाधिकार सुरक्षित © अम्बुज
कुमार खरे " तन्हा
" चारू !!
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